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✍️✍️ श्रृंगार और संघर्ष दोनों में तुलना.. 👉मुझे

✍️✍️
श्रृंगार और संघर्ष दोनों में तुलना..

👉मुझे ये दोनों शब्द सापेक्ष ज्यादा लगते हैं.. विरोधाभास नजर नहीं आता। 
♥️स्त्री का श्रृंगार हमेशा उसके अस्तित्व को निखारने के संघर्ष में ही खिल कर आता है..
💝एक कन्या की चंचलता श्रृंगार है..
एक कन्या का चंचलता के साथ अपने परंपरा को बांध कर रखने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💝एक पत्नी में मर्यादा ही श्रृंगार है
एक पत्नी का मर्यादा में रहकर प्रेयसी बन जाने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💝एक माता की ममता श्रृंगार है
एक ममतामई माता को बालक के प्रोन्नति के लिए सही दिशा निर्देश देने में ममता से की गई "संघर्ष ही श्रृंगार" है ...
💥एक गृहिणी चाहे किसी भी उम्र में हो सुबह से शाम तक सबके जीवन को आसान बनाना और इन सबके बीच घर को दुनिया मानकर मुस्कुराहट बनाएं रखना किसी संघर्ष से कम नहीं है . और मेरी नज़र में ये "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💥कामकाजी महिला जो घर के बाहर निकलती है चाहे किसी भी क्षेत्र में हैं... उनके लिए काम के साथ अपने स्त्रीत्व की ज़िम्मेदारियों को उठाने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
✍️कौन सी स्त्री संघर्ष नहीं करती है!! 
♥️स्त्रियों का श्रृंगार किसी भी घर के खुशहाली का प्रतीक है... 
💝स्त्रियों का श्रृंगार उनको प्रदत्त कार्य के अनुरूप ही होता है...
✍️एक कलाकार का श्रृंगार और एक सेना के नेतृत्व करने वाली स्त्री का श्रृंगार की कैसे तुलना की जा सकती है। 
💥एक मंदिर में बैठी महिला का श्रृंगार और एक नृत्यशाला की नर्तकी की श्रृंगार की तुलना मुर्खतापूर्ण है। 

😊बस मुझे लगता है पंक्ति ने श्रृंगार को बहुत हल्का बना दिया जबकि मेरे लिए 
श्रृंगार बहुत ही सकारात्मक है।
⚡कृपया इसकी तुलना लीपा-पोती से मत कीजिए.. 
और हां स्त्रियों का लीपा-पोती भी अपने को किसी ना किसी सामने वाले के नज़र में बनाए रखने के लिए ही होता है..

🔥आप मानेंगे नहीं पर लीपापोती तो आप भी पसंद करते हैं 
मोना सिंह

©Mona Singh #श्रृंगार और #संघर्ष
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श्रृंगार और संघर्ष दोनों में तुलना..

👉मुझे ये दोनों शब्द सापेक्ष ज्यादा लगते हैं.. विरोधाभास नजर नहीं आता। 
♥️स्त्री का श्रृंगार हमेशा उसके अस्तित्व को निखारने के संघर्ष में ही खिल कर आता है..
💝एक कन्या की चंचलता श्रृंगार है..
एक कन्या का चंचलता के साथ अपने परंपरा को बांध कर रखने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💝एक पत्नी में मर्यादा ही श्रृंगार है
एक पत्नी का मर्यादा में रहकर प्रेयसी बन जाने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💝एक माता की ममता श्रृंगार है
एक ममतामई माता को बालक के प्रोन्नति के लिए सही दिशा निर्देश देने में ममता से की गई "संघर्ष ही श्रृंगार" है ...
💥एक गृहिणी चाहे किसी भी उम्र में हो सुबह से शाम तक सबके जीवन को आसान बनाना और इन सबके बीच घर को दुनिया मानकर मुस्कुराहट बनाएं रखना किसी संघर्ष से कम नहीं है . और मेरी नज़र में ये "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
💥कामकाजी महिला जो घर के बाहर निकलती है चाहे किसी भी क्षेत्र में हैं... उनके लिए काम के साथ अपने स्त्रीत्व की ज़िम्मेदारियों को उठाने का "संघर्ष ही श्रृंगार" है..
✍️कौन सी स्त्री संघर्ष नहीं करती है!! 
♥️स्त्रियों का श्रृंगार किसी भी घर के खुशहाली का प्रतीक है... 
💝स्त्रियों का श्रृंगार उनको प्रदत्त कार्य के अनुरूप ही होता है...
✍️एक कलाकार का श्रृंगार और एक सेना के नेतृत्व करने वाली स्त्री का श्रृंगार की कैसे तुलना की जा सकती है। 
💥एक मंदिर में बैठी महिला का श्रृंगार और एक नृत्यशाला की नर्तकी की श्रृंगार की तुलना मुर्खतापूर्ण है। 

😊बस मुझे लगता है पंक्ति ने श्रृंगार को बहुत हल्का बना दिया जबकि मेरे लिए 
श्रृंगार बहुत ही सकारात्मक है।
⚡कृपया इसकी तुलना लीपा-पोती से मत कीजिए.. 
और हां स्त्रियों का लीपा-पोती भी अपने को किसी ना किसी सामने वाले के नज़र में बनाए रखने के लिए ही होता है..

🔥आप मानेंगे नहीं पर लीपापोती तो आप भी पसंद करते हैं 
मोना सिंह

©Mona Singh #श्रृंगार और #संघर्ष
monalisha5082

Mona Singh

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