अक़्सर जिनके ख्यालों में यह दिल ख़ोया ख़ोया सा रहता हैं, उनको क्या पता कि हमारी नींद रातों में कैसे उड़ती रहती हैं। ज़रा कोई जाकर उन्हें भी तो समझाओ की हमें यूंह सताया ना करें, बिना बातों के ही इस दुनियां में हमारी बातें अक्सर बन जाया करती हैं। सवाल बस एक छोटा सा हैं लेकिन उसका जवाब बहुत ही जटिल हैं, कहने को तो यह प्यार हैं पर पूरी दुनियां में यहीं तो एक सबसे बड़ा बवाल हैं। नफ़रत भी जिसके आगे झुकती अपना सिर हैं वहीं तो यहां पर बदनाम हैं, आगे जाके ना जाने कितने होने वाले इस जहां में कई सारे शब्दों के बवाल हैं। एक अफ़साना प्यार का,,, उनसे कैसे जुड़ा हमारा रिश्ता कुछ महीने पहले एक रात से हैं, जिनका नाम इस जहां में लाता हर रोज़ एक नया तूफ़ान हैं। पल भर के लिए उनसे बिछड़ना अब हमें मंजूर नहीं हैं, क्या करें यह प्यार हैं कोई ताश का खेला हुआ खेल नहीं हैं। उस रात को कैसे भुलाए जहा मिली हमें जीवन जीने की प्रेरणा हैं,