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गुजर रहा है उस दौर से मेरी हसरतो का काफिला मंजिल क

गुजर रहा है उस दौर से मेरी हसरतो का काफिला
मंजिल का जहाँ पता नही बस दौड़ जारी है....
हसरत तो है उछल के आसमाँ छूने की
पर न जाने क्यों उम्मीद पर कोई बोझ भारी है.. hasrate...
गुजर रहा है उस दौर से मेरी हसरतो का काफिला
मंजिल का जहाँ पता नही बस दौड़ जारी है....
हसरत तो है उछल के आसमाँ छूने की
पर न जाने क्यों उम्मीद पर कोई बोझ भारी है.. hasrate...