तुम और कविता तुम और कबिता दोन हिं आलग हैं Q कों तुम पास थिं तव ना थिं कोइ भिं कविता सिफ थीं तौं कुछ मिठे अहदे आज तूम पास नेई हौं हें बस कुछ कविताई #दिल की वाते