White इस नाउम्मीद की रात में कब जगेगी उम्मीद तीस चांद की रात तीस अमावस्या की रात में उम्मीद टूटते हुए देखा कहीं भी आस का जुगनू नज़र ना आया मुझे एक उम्मीद की लौ जला दे मेरे प्रभु एक दूज का चांद दिखा दे फिर एक खुशनुमा सुबह का दर्शन करा दे प्रभु अब सहन नहीं होता अपनों की तकलीफ़ एक उम्मीद की झलक दिखला दे प्रभु दिखला दे प्रभु...... ©`sanju sharan #wallpaper