"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," इस दिल पे किसी अनजान का पहरा है किस-किस पे भरोसा करें मेरे यार यहां हर चहरे के पीछे एक नयां चहरा है। Kisi gair pe khud se jyada bharosa mat karna bharosa aksar toot jata hai