बीता हुआ कल भूले से भी भुला नहीं जाता हैं। यादों में मुझे वही खीच ले आता है। जहां कुछ यादें है खुशियों के वही कुछ यादें है गम के फिर भी मुझे कुछ पल सुकून दे जाता हैं। बीता हुआ कल,भूले से भी भुला नहीं जाता हैं। यादों में मुझे वहीं खींच ले आता लड़ा करते हम दोनो खूब, मगर मैं गुस्सा करती ,तू तुरत भूल जाया करती थी । जाना होता था कही अगर , तू मुझे मनाया करती थी। फिर मुझ से बाल बन बाया करती , फिर हम दोनों जाया करते थें। बीता हुआ कल भूले से भी भुला नहीं जाता हैं। तो मैं मुझे वहीं खींच ले आता है। कुछ सामान नहीं मिले , अगर जोर जोर से शोर मचा कर मुझ से ढूंढ बाया करती थी। बीता हुआ कल भूले से भी भूला जाता है। ©k k #भूले से भी