Nojoto: Largest Storytelling Platform

शायरी आज फिर बारिश की बूंदें इस तरह बरसी है, जैस

शायरी
आज  फिर बारिश की बूंदें  इस तरह बरसी है,
जैसे आकाश में धरती से मिलने को तरसी है,
प्यार बफा सब धोखा है बारिश की बूंदों ने भी,
क्या किसी को रोका है।
Meenakshi Sharma धरती को मिलने को तरसी है
शायरी
आज  फिर बारिश की बूंदें  इस तरह बरसी है,
जैसे आकाश में धरती से मिलने को तरसी है,
प्यार बफा सब धोखा है बारिश की बूंदों ने भी,
क्या किसी को रोका है।
Meenakshi Sharma धरती को मिलने को तरसी है