हिजड़े ओ नहीं जो ताली बजाते हैं हिजड़े ओ भी है जो बे जुबा को मार देते हैं प्रकित कि देन है जो आज इनसान हो हैवान तो जन्म हि नहीं लिया फिर क्यूँ हैवान हो इनसान से पहले जानवर बनाऐ गये प्रकित ने इनसान बनाया तो खुद ओ हैवान बन गये हें भगवान अब आकर बचालो कितने मासूम मारे जायेगे जिनका कोई दोष नहीं जिनका कोई दोष नहीं