प्रेमी दिल ढूढ़े एक ठिकाना बंजर से मंजर को चाहे ये बसाना माँगे उसके हाथों के साये चाहे कितनी देर लगाए निस्छल मन से प्रेम निभाए कभी ना मेरे खुवाबों में भी पराये जैसा एहसास कराये प्रेमी दिल ढूँढे एक ठिकाना बंजर से मंजर को चाहे ये बसाना। ©MamtaYadav #दिल_की_कलम_से #दिल❤ #प्रेमी_दिल_ढूंढे_एक_ठिकाना #प्रेम #प्रेमीपंछी