ए दिले गम चश्मदीद मेरे मेरे ग़म ख़ुद हुए मुरीद मेरे । मैं तन्हां कहाँ हूँ, तुम जो हो जिंदगी जैसे हुई मुफ़ीद मेरे। लाख जवाहरात कुछ नहीं एक चेहरा खूब वहीद मेरे । कशिश में बेकरारी क्या जानो ये बेश क़ीमती और फरीद मेरे। चश्मे नम कतरा भी न बेचूँ ये बेहदी, बे इंतहा करीब मेरे। ✍ _____ P rai rathi ye behdee be inthaa