तुम रोज़-रोज़ न पूछो कि मेरा क्या हाल है ये ज़िदंगी है अधूरी और गहरा ये सवाल है कोई कैसे ये बताए कि तेरे बिन वो क्या है परछाई हो तुम उसकी और तुम्हारा वो ख़्याल है वो पूरा भी नहीं है,वो अधूरा भी नहीं है होकर भी तेरा हिस्सा,वो सुनहरा भी नहीं है कभी रात को हम तरसे,कभी बरसात को हम तरसे होकर भी संग तेरे,एक मुलाकात को हम तरसे ये ज़िदगी भी हमको,हर दिन परख़ रही है होकर शुरू मोहब्बत,अपने अंजाम को तरस रही है कुछ ख्वाहिशों की बारिश,कुछ हालात का कमाल है हर जवाब हो तुम उसका,वो तुम्हारा हर सवाल है... Abhishek Trehan #मेराहिस्सा #मेराहाल #yqdidi #hindipoetry #hindishayari #lifepoetry #lovepoetry