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ज़िन्दगी का सबसे हसीं वक़्त, जब हम तुम और खामोश सुकू

ज़िन्दगी का सबसे हसीं वक़्त,
जब हम तुम और खामोश सुकून
न जाने कैसे रंगीन हो जाता है समां
बिना किसी तैयारी के,
धरती और आसमान
बन जाते हैं दूल्हा दुल्हिन,
घंटों बिना कोई बात किये
हो जाता है सब बयां
ये तुम्हारी चाहत है या
ईश्वर का सच्चा नूर
जो मेरे अच्छे कर्मों से मुझे मिला है
मत जाना अब मुझसे कभी दूर
हर दिन मेरी बस यही दुआ है

©Priya Dubey
  #प्रेमांजलि