मैं कुछ गलत लिखूं तो तुम उसे सुधार दो.. मेरी कश्ती को तुम मझधार से निकाल दो... कलम क्या लिखेगी ये बात मेरे मन मे तुम डाल दो मैं बहुत जगह से बिखरा हूँ तुम मुझे समेट के एक फ़ोटो नुमा जगह पर बैठार दो.. अगर हो भांवना मेरे लिए तुम मुझे प्यार दो.. चुका दूँगा मैं तुम्हारा कर्ज बस सवेरा होने तक मुझमे खुद को उतार दो... मुझे तुम खुद लिखो और मेरी सारी गलतियों को सुधार दो।। love pateriya #कुछ भी हो तुम्हें, खुशी हो बस हमे।।