ये अंखियां कितना कुछ कहती है .... नन्ही सी होकर भी, क्या कुछ देखती है.. .. जानकर नजारे समा के. ख़ामोश फिर भी रहती है.. ये अखियां कितना कुछ कहती हैं।। यूं लवों से ज्यादा बयान-बाज़ी, अंखियों की होती है.... पर समझने की ताकत , हर किसी में कहां होती है..... लेकर चलती है अनजान ख्वाबो को.. फिर भी मायूस रहती है.. ये अखियां कितना कुछ कहती हैं।। हर पल मुस्कुराती है और... गमों को छिपाती हैं, कुछ जख्म ऐसे होते हैं.. जो अश्क से बहाती है... कितना कुछ सहती है, पर दरिया का हीरा रहती है! ये अखियां कितना कुछ कहती हैं।। सजाती है संवारती है.. बिगड़ने पर बिगाड़ती हैं, अलग-अलग पल दिखाकर.. सपनों का घर बुनती है! मंज़र जानती है लेकिन... पहेलियों में खोई रहती है... ये अखियां कितना कुछ कहती हैं।। #lifeexperience #poetry #nojitonews #nijoto #nijotohindi #poem #अंखियांकितनाकुछकहतीहै