मुस्कराना छोड़ दिया तो अंधेरे भी रोशन हो गये ठहाके ढुंढने की फ़िराक़ में कहकहे भी सो गये जब तमन्नाओं की अर्थी उठने लगी अच्छे भले चुप बैठे थे देखते ही रो गये अब खिड़कियाँ खोल के जुगनू बुला लेते हैं तारों सितारों के किस्से पुराने हो गये 'दीप'..,✍🏿शायर तेरा🌷 ©Dalip Kumar Deep 😞🍂🍁 मुस्कराना छोड़ दिया तो अंधेरे भी रोशन हो गये🍂 #Dark