#5LinePoetry हर तरफ हो जब अंधेरा एक चिराग काफी है, उम्मीद जब टूटने लगे एक आस ही काफी हैं, यू तो महफिल में कोई उदास पाखी नजर काफी हैं, हर कोई समझे जरुरत क्या? कुछ नेक इंसान काफी है, और दौर कैसा भी हो खुद पर विश्वास ही काफी हैं। ©Priya Gour काफी है...❤🙌💫 #5LinePoetry #16may 7;04 #विश्वास