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हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया दरिंदगी में व

हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया
दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया
 नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को
शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को
 क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को
एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया
पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया
दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया
 नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को
शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को
 क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को
एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया
पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया
 Internet Jockey नयनसी परमार Indeevar Joshi Aadarsha singh
हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया
दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया
 नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को
शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को
 क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को
एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया
पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया
दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया
 नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को
शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को
 क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को
एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया
पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया
 Internet Jockey नयनसी परमार Indeevar Joshi Aadarsha singh

हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया @Internet Jockey नयनसी परमार @Indeevar Joshi @Aadarsha singh