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शाख के सुखे पत्ते सा बिखर गया कोई ,किसी के निगाह स

शाख के सुखे पत्ते सा बिखर गया कोई ,किसी के निगाह से देखो उतर गया कोई , 
 लिखा जो खत मैं ने तुम्हारे खातिर अब वो
 मेरे खत तुम्हे मेरी कब्र पर रखी किताबों मे मिलेंगे,
 तुमसे हकीकत में नही अब हम ख्वाबों में तुमसे फिर हर रोज  मिलेंगें

©wrïtêr ãbhïßhêk æñæñd
  अब हर रोज.....

अब हर रोज..... #विचार

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