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पंख होते तो जीवन मे खुशियो के द्वार खुले होते पकड

पंख होते तो जीवन मे खुशियो के द्वार खुले होते 
पकड़ कर हाथ तुम्हारा हम दूर तक साथ उड़े होते
तन को छोड़कर ये मन कही उड़कर न जा पाता 
इन्सा की जिन्दगी मे फिर सुख दुख के न  सिलसिले होते प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। 

उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो
पंख होते तो जीवन मे खुशियो के द्वार खुले होते 
पकड़ कर हाथ तुम्हारा हम दूर तक साथ उड़े होते
तन को छोड़कर ये मन कही उड़कर न जा पाता 
इन्सा की जिन्दगी मे फिर सुख दुख के न  सिलसिले होते प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। 

उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है 

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ

ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो

प्रिय परिवारजनों को विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक बधाई। उर्दू के अज़ीम शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने कहा है सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ ग़ाफ़िल - विस्मृत, जो भूले बैठा हो #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #विश्वपर्यटनदिवस #पंखहोतेतो