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छोटी या बड़ी कैसी भी हो सबको समान मुस्कान देती खुश

छोटी या बड़ी कैसी भी हो
सबको समान मुस्कान देती 
खुशियाँ कभी रोती नहीं...!
अपने भीतर दुख उदासी
सब समेटे रहती हैं फिर भी
कविताएँ कभी मुरझाती नहीं..!
ख़ुश हों या शिकन चेहरे पर
बिन मौसम बरस जाती 
बरसात कभी सोती नहीं.…!
अपना अपना नज़रिया 
अपनी अपनी सोच है
वरना बरसात कभी
समुंदर भिगोती नहीं…!
बरसात में वो भी
मुग्ध हो जाते हैं जिनकी
आँखों में ज्योति नहीं...!
खुशियाँ दिखावे की
आदी नहीं होती
महसूस करोगे तो
ये कभी इकलौती नहीं..! सुप्रभात लेखकों।😊
छोटी या बड़ी कैसी भी हो
सबको समान मुस्कान देती 
खुशियाँ कभी रोती नहीं...!
अपने भीतर दुख उदासी
सब समेटे रहती हैं फिर भी
कविताएँ कभी मुरझाती नहीं..!
ख़ुश हों या शिकन चेहरे पर
छोटी या बड़ी कैसी भी हो
सबको समान मुस्कान देती 
खुशियाँ कभी रोती नहीं...!
अपने भीतर दुख उदासी
सब समेटे रहती हैं फिर भी
कविताएँ कभी मुरझाती नहीं..!
ख़ुश हों या शिकन चेहरे पर
बिन मौसम बरस जाती 
बरसात कभी सोती नहीं.…!
अपना अपना नज़रिया 
अपनी अपनी सोच है
वरना बरसात कभी
समुंदर भिगोती नहीं…!
बरसात में वो भी
मुग्ध हो जाते हैं जिनकी
आँखों में ज्योति नहीं...!
खुशियाँ दिखावे की
आदी नहीं होती
महसूस करोगे तो
ये कभी इकलौती नहीं..! सुप्रभात लेखकों।😊
छोटी या बड़ी कैसी भी हो
सबको समान मुस्कान देती 
खुशियाँ कभी रोती नहीं...!
अपने भीतर दुख उदासी
सब समेटे रहती हैं फिर भी
कविताएँ कभी मुरझाती नहीं..!
ख़ुश हों या शिकन चेहरे पर
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator