Nojoto: Largest Storytelling Platform

तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ, हर लम्हा बस तुझ

तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ,
हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ।
जब भी दिल में तिश्नगी उठती है,
नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ।

सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू,
हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू।
दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ,
तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ।

हर सहर तेरी यादों का साया लाती है,
हर शब मेरी रूह को तड़पाती है।
मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है,
ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। 

 डॉ दीपक कुमार 'दीप'





.

©Dr Deepak Kumar Deep  sad poetry urdu poetry love poetry in hindi urdu poetry poetry on love
तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ,
हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ।
जब भी दिल में तिश्नगी उठती है,
नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ।

सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू,
हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू।
दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ,
तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ।

हर सहर तेरी यादों का साया लाती है,
हर शब मेरी रूह को तड़पाती है।
मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है,
ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। 

 डॉ दीपक कुमार 'दीप'





.

©Dr Deepak Kumar Deep  sad poetry urdu poetry love poetry in hindi urdu poetry poetry on love