हाथों की लकीरों पर ऐतबार करने वाले कभी नई लकीरें खुद बना, यूं बैठे रहने से मंजिलें नहीं मिला करती कभी अपने कदम भी आगे बढ़ा, दिल को यूं हालत के हाथों मजबूर न कर कभी अपने हौसलों को खुद बढ़ा, हर बात तेरी है हर हालात तेरा है तुझे खुद ही इनसे निकलना है कभी खुद पर यकीन तो बढ़ा, यूं हर बार हर बात में तू खुदा पे ना जा।। The Writer's Magnet आप सभी का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। आपकी रचना 4 से 10 पंक्तियों तक ही होनी चाहिए। #writersmagnet #wmchallenge #wmkhuda #yqdidi #yqhindi ✍️ आपकी रचना व्यक्तिगत एवं मौलिक होनी चाहिए। ✍️ समय सीमा - रात्रि 09:00 तक ✍️ कृपया हमारे hashtags बरकरार रखें। ✍️ कृपया collab करने के पश्चात comment में Done करें।