चाँद का टुकड़ा यार सुनो एक ही बात कहते आना उससे, बात न ही सही याद तो कहते आना उनसे न कह पाओ तो झूठा दिलासा न दिलाना एक बार नाम तो मेरा लेना सामने उसके..!! -"मन" मनीष यार सुनो