लफ्जो के मोतियों को इश्क़ के धागे में पिरो कर प्यार के फसाने गूनगूनाने वाला चला गया ; आज हमारे बीच से इश्क़ की कहानियां सुनाने वाला चला गया ।। अंदाजे बयान तो अब सब के पास अपना अपना होगा ; लेकिन लफ्जो से इतनी चाहत ना होगी ।। शहर_ए_इंदौर तो वहीं का वहीं रहेगा ; पर अब उसमे राहत ना होगी ।। इश्क़ की ग़ज़लें तो हर कोई सूना लेगा उसके बगैर भी ; मगर उसमे अब वो पूरानी चाहत का नशा ना होगा ।। महेफिले तो हर शाम सजेगी ; मगर अब उसमे मौजूद राहत ना होगा ।। WeWillMissYouSir #Rahat_indori #rip #RIPRahatIndori we will miss you sir