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बचपन और माँ बचपन मे जब हम हुड़दंग मचाते थे सावन क

बचपन और माँ  बचपन मे जब हम हुड़दंग मचाते थे
सावन के मौसम में बारिश मे नहाते थे
दरिया मे मछली पकड़ने जाते थे
और फिर जब लौटकर घर को आते थे
तो माँ पुकारकर कहती थी
कहाँ मिट्टी मे लौट रहा था
चल जल्दी से नहा ले
मैने रोटी बना ली है बेटा
आ आकर रोटी खाले

मारुफ आलम बचपन और माँ/शायरी
बचपन और माँ  बचपन मे जब हम हुड़दंग मचाते थे
सावन के मौसम में बारिश मे नहाते थे
दरिया मे मछली पकड़ने जाते थे
और फिर जब लौटकर घर को आते थे
तो माँ पुकारकर कहती थी
कहाँ मिट्टी मे लौट रहा था
चल जल्दी से नहा ले
मैने रोटी बना ली है बेटा
आ आकर रोटी खाले

मारुफ आलम बचपन और माँ/शायरी
maroofhasan2421

Maroof alam

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