ये समुद्र अपनी लहरों में बह डालता है बैठे बैठे मैं देखता हूं रहा उसकी या बैठे बैठे बैठे बैठे सोचता हूं क्या होगा या बैठे बैठे ©Rajesh Khanna बैठे बैठे #Hope