Shree Ram तुम्हारे माथे का तिलक और उंगलियों में अष्टगंध की महक मुझे अच्छी लगती है तुम्हारा शांत मन और भक्ति में डूबे नेत्र सृष्टि को सम्मोहन करने सी लगती है तुम्हारी अनामिका उंगली में लाल, और पीला चंदन सुबह सुबह अपने इष्ट पे अर्पित की हुई सी लगती है तुम्हारे चेहरे का ओज और आभामंडल ईश्वर की देन सी लगती है अत्यधिक मोहनी और मद को चूर्ण कर देने वाली तेरी मूरत सबके अहंकार को खंडित कर देने वाली लगती है कुछ भी आकर्षित न सका कोई भी न मोह सका मुझे तुम्हारी कलाई पर बंधी मौली ब्रम्हांड की परिक्रमा की हुई सी लगती है ©Richa Dhar #shreeram जय श्रीराम🙏🚩