जान ले कर हथेली पर ढूंढा बहुत, दिल ले कर के जो सिलसिला दे गए। रात जागे हक़ीक़त से हो कर,रूबरू, ख़्वाब आंखों को,वह अधजला दे गए। जान ले कर हथेली पर ढूंढा बहुत, दिल ले कर के जो सिलसिला दे गए। रात जागे हक़ीक़त से हो कर,रूबरू, ख़्वाब आंखों को,वह अधजला दे गए।