दर्द है, ज़ख्म है, कातिल हैं, खून है और शमशीरों की खान है! कहो मियाँ जंग की तैयारियां हैं या ये किसी दिलजले का गाँव है!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' दर्द है, ज़ख्म है, कातिल हैं, खून है और शमशीरों की खान है! कहो मियाँ जंग की तैयारियां हैं या ये किसी दिलजले का गाँव है!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #bawraspoetry #nojotohindi #sheroshairy #populer #famous