जान लोगे मेरी कब तलक यूँ सता के, क्यों यकीं ना किया मुझे अपना बता के, एक हमारे सिवा तुम कहाँ जाओगे, जान लोगे हमें तो बहुत पछताओगे..।। एक ही बात के दो पहलू हो सकते हैं। एक लेखक से बेहतर और कौन इस को समझता है। आज का collab challenge भी कुछ ऐसा ही। जान लोगे - जान जाओगे जान लोगे - प्राण लोगे तो लिखिये आपने जैसा समझा और जैसा समझाना चाहते हैं।