सपनों से भरी आंखे भी पथरीली हो गई । जब वक़्त की मार ने दो वक्त की रोटी भी छीन ली गई।। जिन आँखों में आसमान में उड़ने के ख्वाब सजने थे । वे पेट भरने के लिए सड़कों पर हाथ फैला रही ।। #भीख #सपने #पथरीली_आंखे