लडती थी मे, जान थी उसकी चुहिया से कभी बंदरिया थी उसकी ।। बडी थी उससे परंतु चुटकी थी उसकी हमेश मेरी बात सर आँखो पे थी उसकी।। उसके आसू मेरे आसू बन जाते उसका रोना मुझे रुला जाता।। उसकी एक मुसकुराट मुझे हँसा जाती उसका मुझे चिल्लाना मुझे अच्छा सा लगता उसकी डाट के लिऐ हमेशा उलटे काम कर जाती फिर हमेशा डाट खाती ।। Notankii bol.k छोड देता जो बोलता तू है न बाकी कुछ नही चाहिए।। तु रहेगी न हमेशा मेरे साथ यह बोलता रहता।। तु ही तो मेरी जान है उसके सर पे हाथ फेरते से ही कितना भी पंगा क्यू ना हो वो दूर हो जाता है। चुहिया हु ना उसकी हमेशा रहना चाहती Jai Shree krishna Pre... chuhiya ka dadu 🐀 🐀