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नज़रे गुनाह कर बैठी है, कभी ख्वाबों में था जो एक च

नज़रे गुनाह कर बैठी है,
कभी ख्वाबों में था जो एक चेहरा,
उस शख्स का दीदार कर बैठी है।

©Ritu shrivastava #दीदार_ए_यार
नज़रे गुनाह कर बैठी है,
कभी ख्वाबों में था जो एक चेहरा,
उस शख्स का दीदार कर बैठी है।

©Ritu shrivastava #दीदार_ए_यार