इश्क़ मेरा गुलाब सा (अनुशीर्षक में पढ़ें) — % & इश्क़ मेरा गुलाब सा इश्क़ मेरा है गुलाब सा महकाता है ये गुलशन शबाब का हर ओर बिखरी है खुशबू इसकी आया है मौसम प्यार का तेरा दिया गुलाब