सच्चाई की डगर पर, ऐ राही चलना आसान नहीं। तोहमतें हजार देगी दुनिया, इसे झेलना आसान नहीं। आपकी पहचान यहाँ, आपकी सोच तय करती है। पहचान को अपनी बदलना, यहाँ इतना आसान नहीं। किस सोच में खोए हो तुम, हमसे भी तो ज़िक्र करो। चिंता से अपनी दूर जाना, सबके लिए आसान नहीं। जिस राह पर चल पड़े हो, पीछे मुड़कर ना देखना। पीछे लौटने वालों को, मंज़िल मिलना आसान नहीं। खुद को आदर्श बनाओ तुम, अपने अनुजों के लिए। आदर्शो को भूल जाना, लोगों के लिए आसान नहीं। मंज़िल मिलती है उनको, जो लक्ष्य पाना जानते हैं। लक्ष्य से भटककर यहाँ, मंज़िल मिलना आसान नहीं। ♥️ Challenge-597 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।