White रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार, रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार।। अर्थ: यदि आपका प्रिय सौ बार भी रूठे, तो भी रूठे हुए प्रिय को मनाना चाहिए,क्योंकि यदि मोतियों की माला टूट जाए तो उन मोतियों को बार बार धागे में पिरो लेना चाहिए। ©DRx. Kishan Patel रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार, रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार।।