#OpenPoetry पंछी उड़ गए, कि वापस ना आएंगेl जो फूल टूट गए, वो खिल ना पाएंगे l ख्वाहिशों के भी अरमान अभी अधूरे थे, कि बिखरे हुए जज़्बात अब जुड़ ना पाएंगे l #OpenPoetry