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एक माच़िस जला कर अब तो छोड दो सुलगते होठों को ज़रा

एक माच़िस जला कर अब तो छोड दो
सुलगते होठों को ज़रा राख होने दो,
कफ़न के लिए लाजमी जो लगती है वो 
शायद आग है,
थोड़े क़श तो रूख़सती से पहले अब ले 
हीं लेने दो...

#मानस ।।

©Manas Krishna #ChainSmoking
एक माच़िस जला कर अब तो छोड दो
सुलगते होठों को ज़रा राख होने दो,
कफ़न के लिए लाजमी जो लगती है वो 
शायद आग है,
थोड़े क़श तो रूख़सती से पहले अब ले 
हीं लेने दो...

#मानस ।।

©Manas Krishna #ChainSmoking