तुम पे इतना भी हक़ मैं नही जता सकता बेकरार हु कितना अब भी लफ्जो मैं बता नही सकता फर्क नही पड़ता की तू आज किसको चाहती है जमाना गवाह है सच्ची मोह्हबत कहाँ मिल पाती है #after_marriage