वो बेवक्त खिलखिलाने वाली मेरी हंसी ना जाने कहा खो गई । वो बे अदब आदते मेरी नादानियों की ना जाने कहा खो गई । बड़े होने की जिम्मेदारियों में ही कुछ ऐसी उलझकर रह गई में,की वो मेरा बचपन और वो बचपन वाली मेरी आजादी ही ना जाने कब वक्त के साथ खो गई । #nojotohindi #childhood #childhoodmemory