एक साधारण सा लड़का................................................//- हाई स्टैण्डर्ड को फॉलो करने वाला वो, मेरे साथ एक आम सा लड़का. बिना गाडी के घर से बाहर ना निकलने वाला वो, मेरे साथ घंटो पैदल चल जाता हैं. रेस्टोरेंट्स प्रेफर करने वाला वो, मेरे साथ अक्सर मेरी पसंदिता जगह, उस टूटी हुई बैंच पर बैठ कर चाय पिया करता हैं. पता हैं वो चाय के पैसे कभी नहीं देता और ना मुझे देने देता हैं -उसने मेरे और अपने नाम से उधार का खाता जो खुल वा रखा हैं वहां -और अक्सर कहता हैं के इस उधार के सारे पैसे हम कभी चुकता नहीं करेंगे, हमारा नाम यहां हमेशा रहेगा और यहां आने का बहाना भी. और यह बैंच हा थोड़ी ख़राब हो गई हैं, एक पैर भी टुटा हैं पर हम ये पैर सही करवा लेंगे.