टांके हुए हूं तुम्हें कमीज के बटनों में जूतों के फीतों में घड़ी की सुइयों में अपनी आँखों में आँखों के चश्में में (अनुशीर्षक पढ़ें कृपया) तुम कहां थोड़ा सा भी मुझे रख पाती होगी अपने पास अपनी व्यस्त दिनचर्या में... तुम कहां धुंधला सा भी मुझे याद रख पाती होगी रहने देना तुम,