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माना तेरे हृदय छेत्र को चोट प्रेम का आ लगा प्रेम

माना तेरे हृदय छेत्र को 
चोट प्रेम का आ लगा 
प्रेम किया वो भी खुलकर न 
तू मरता चोरी -चोरी...... 
............@@@@@

ज़ब कहना था, कह नहीं पाया 
झूठी सच्ची बातो को 
सच को भी खुलकर न बोला 
झूठ बोलता चोरी -चोरी........
..............@@@@@@@

सच को तूने आ रक्खा है 
न्याय व्यवस्था के तन पर 
झूठ बोलता वो भी चलता 
न्याय किया चोरी -चोरी........... 
....................@@@@@@

मन भी बेचा तन भी बेचा 
गले प्यार को छूने खातिर 
प्यार किया तूने पूरा ना 
वार किया चोरी -चोरी...... 
......................@@@@@@@
ना जाने कितनी उम्मीदें लड़ती 
लड़ती मौत से 
चोरी -चोरी 
......................@@@@@@@@

प्रेम किया वो भी खुलकर न 
तू मरता चोरी -चोरी....... 
...............नौमेश पाण्डेय 
.................................
माना तेरे हृदय छेत्र को 
चोट प्रेम का आ लगा 
प्रेम किया वो भी खुलकर न 
तू मरता चोरी -चोरी...... 
............@@@@@

ज़ब कहना था, कह नहीं पाया 
झूठी सच्ची बातो को 
सच को भी खुलकर न बोला 
झूठ बोलता चोरी -चोरी........
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सच को तूने आ रक्खा है 
न्याय व्यवस्था के तन पर 
झूठ बोलता वो भी चलता 
न्याय किया चोरी -चोरी........... 
....................@@@@@@

मन भी बेचा तन भी बेचा 
गले प्यार को छूने खातिर 
प्यार किया तूने पूरा ना 
वार किया चोरी -चोरी...... 
......................@@@@@@@
ना जाने कितनी उम्मीदें लड़ती 
लड़ती मौत से 
चोरी -चोरी 
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प्रेम किया वो भी खुलकर न 
तू मरता चोरी -चोरी....... 
...............नौमेश पाण्डेय 
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