White संस्कृति की क्या बात करते यह सब देखा करते थे विदेशो की कौन सी होती संस्कृति इस पर विचार किया करते थे.... धीरे धीरे भारत भी अपनी संस्कृति भूल गया विदेशो के चक्कर में अपना रहन - सहन ही जैसे खो दिया ... किसी के आने से कैसे चहल - पहल हुआ करती थी दूर के रिश्तेदार बताकर घर में आओ भगत हुआ करती थी जैसे घर में कोई त्योहार हो ऐसे चहल - पहल रहती थी.... अब भाई को भाई एक आँख से भाता नही सभी अपने में मस्त हो गए चहल पहल तो दूर अब त्योहारो की तरह अब रिश्ते ही खो गए भाई भाई को नही पूछता भाई बहन का प्यार नही रहा खुन जैसे लाल से सफेद हो गए... खाने का हाल बेहाल हो गया विदेशो का यह रुख चार हो गया रोटी-सब्जी खाने से यह कतराते है विदेशी खाने के यह अब दिवाने हो गए उलेबी रसमलाई से दूर भागते चाय भी अब शुगर फरी टैबलट वाली पीते है.... ताजा हवा भी अब गुम हो गई इसकी जगह अब Ac ने जो ले ली तभी तो इंसान में तब्दीली हो गई बाहर खेलने के बजाए बच्चो ने मोबाइल और टीवी ने ले ली.... फैशन का भी मुकाबला जोर शोर से हो गया सोचा था क्या , इंसान क्या हो गया संस्कृति भी भारत की अब गुम हो गई जैसे लडकियो की चुनरी खो गई लड़कियो को लड़को जैसे बाल रखने का फैशन हो गया लड़को को लड़कियों का बाल बड़ाने का फैशन हो गया अजीब सी यह अपनी संस्कृति हो गई असल को छोड़कर दुनिया विदेशों में खो गई... ©Malwinder kaur Mmmmalwinder #sanskriti #Mmmmalwinder💞