इन जुगनूओं की फ़ितरत भी तुझ सी है कुछ पल तो देते हैं सुकुन दिल को फिर न जाने कहां चले जाते हैं ज़ुल्मत-ए-शब में मुझे तन्हा छोड़ कर! 'प्रीत' This is jugnu's picture जुगनू देख लीजिए जनाब