बारिश के बादल अब कम दिखते हैं आसमान में जाने क्या क्या बिगाड़ दिया, मतलबी इंसान ने जंगल से निकला,भीतर का जंगल कायम रहा कुदरत को मिटा दिया उसके झूठे सम्मान ने। दौलत की हवस कभी मिटती नहीं कमलेश जीना क्यों है,समझा नहीं कभी इस नादान ने। ©Kamlesh Kandpal #nadan