मेरे इश्क़ का फ़साना बस इतना सा है कि, कुछ बातें हुईं कुछ लड़ाइयाँ हुई फिर कुछ पल की खामोशी ओर जुदाइयाँ हुईं। इश्क़ का फ़साना