यूँ ही रंजिशों में गुज़र गए, कभी वो ख़फ़ा, कभी हम। इन चाहतों के मोड़ पर, कभी वो रुके, कभी हम। वही रास्ते हैं, मंज़िलें भी वही, न उन्हें ख़बर, न हमें पता। अपनी - अपनी फ़ना में गुम, कभी वो जुदा, कभी हम। ये कुदरत का ही कोई खेल था, न वो बेवफ़ा, न हम।। #सुचिता #cinemagraphlove #सुचिता #lovequote #suchitapandey #yqlove #yqbaba यूँ ही रंजिशों में गुज़र गए, कभी वो ख़फ़ा, कभी हम। इन चाहतों के मोड़ पर, कभी वो रुके, कभी हम। वही रास्ते हैं, मंज़िलें भी वही,