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वो दूर सड़क के कौने पर एक गरीब की कुटिया है। गरीबी

वो दूर सड़क के कौने पर एक गरीब की कुटिया है।
गरीबी से उसकी चौखट पर बस अंधियारा ही पसरा हैं।।
दिनभर मे मेहनत करकें वो इतना भी ना कमा पाया।
अपने घर के खाली दीपक को ना वो जला पाया।।
वहीं सड़क पर कुछ आगे रोशनी से चमकता घर हैं तेरा।
जहाँ हर चौखट हर दरवाजा, हैं रोशनी से भरा।
यहाँ तेरे घर पर दिवाली है, वहीं उसका दिया खाली है।
पर क्या सच मे ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली हैं।।

वहाँ दूर खड़े कुछ बच्चे हैं, दिवार के कौने से झाक रहे।
दूजो को दिवली मनाते देख, है अपने घर को ताक रहे।।
वही कुछ कदम आगे बढ़ कर हैं तू दिवाली मना रहा।
अपने घरवालों संग मिलकर फुलझड़ी, अनार तू जला रहा।।
 रंग भरी आतिशबाजी देख, उनके चेहरे पर कुछ खुशी है।
पर इस खुशी के पीछे, एक बड़ी मायूसी हैं।
यहाँ तेरे घर पर दिवाली है, वही उनके आस खाली है।
क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।।

यही साथ में इक घर एसा है, जहां दिवाली के रंग रूखे हैं।
क्योंकि आज त्यौहार पर भी इस घर में बच्चे भूखे हैं।।
इस घर की खिड़की और दरवाजा सब अंदर से बंद है।
और पड़ौस के तेरे घर में पकवानों के अनेकों रंग है।।
छोटे छोटे बच्चों का त्यौहार के दिन भी पेट खाली है।
क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।।

क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।। #YQbaba #yqlike #yqfollow #yqdiwali #yqbaba
वो दूर सड़क के कौने पर एक गरीब की कुटिया है।
गरीबी से उसकी चौखट पर बस अंधियारा ही पसरा हैं।।
दिनभर मे मेहनत करकें वो इतना भी ना कमा पाया।
अपने घर के खाली दीपक को ना वो जला पाया।।
वहीं सड़क पर कुछ आगे रोशनी से चमकता घर हैं तेरा।
जहाँ हर चौखट हर दरवाजा, हैं रोशनी से भरा।
यहाँ तेरे घर पर दिवाली है, वहीं उसका दिया खाली है।
पर क्या सच मे ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली हैं।।

वहाँ दूर खड़े कुछ बच्चे हैं, दिवार के कौने से झाक रहे।
दूजो को दिवली मनाते देख, है अपने घर को ताक रहे।।
वही कुछ कदम आगे बढ़ कर हैं तू दिवाली मना रहा।
अपने घरवालों संग मिलकर फुलझड़ी, अनार तू जला रहा।।
 रंग भरी आतिशबाजी देख, उनके चेहरे पर कुछ खुशी है।
पर इस खुशी के पीछे, एक बड़ी मायूसी हैं।
यहाँ तेरे घर पर दिवाली है, वही उनके आस खाली है।
क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।।

यही साथ में इक घर एसा है, जहां दिवाली के रंग रूखे हैं।
क्योंकि आज त्यौहार पर भी इस घर में बच्चे भूखे हैं।।
इस घर की खिड़की और दरवाजा सब अंदर से बंद है।
और पड़ौस के तेरे घर में पकवानों के अनेकों रंग है।।
छोटे छोटे बच्चों का त्यौहार के दिन भी पेट खाली है।
क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।।

क्या सच में ये दिवाली है, क्या सच में ये दिवाली है।। #YQbaba #yqlike #yqfollow #yqdiwali #yqbaba